आस्था की सेतु बनी भारतीय रेलवे

अध्योया में राम लला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ही भारतीय रेलवे ने भी आम जनमानस को अवध नगरी में पहुंचाने के लिए सेतु संचार के रूप में खाका तैयार कर लिया था। जैसे ही 22 जनवरी, 2024 को अध्योया में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ, उसके बाद क्या उत्तर, क्या दक्षिण। देश के हर दिशा से राम भक्तों को अध्योया पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे पूरी सक्रिय भूमिका में आ गई। भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जहां एक साथ इतनी संख्या में विशेष गाड़ियां किसी एक स्थान पर जाने के लिए अग्रिम आरक्षण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई हो। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अभी तक यह सिलसिला लगातार जारी है। सैंकड़ों की संख्या में देशभर से अभी भी रेलवे की विशेष गाड़ियां आरक्षित हो रही है। कई राज्यों से जिनती संख्या में लोगों ने विशेष गाड़ियों की जरूरत भेजी है, भारतीय रेलवे मुहिम करवाने में एकदम गाड़ियां उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है, जिसके कारण लाखों रामभक्तों को इंजतार भी करना पड़ रहा है। 

भारत में कुंभ मेलों के समय भी  इतनी संख्या में रेलवे को विशेष गाड़ियों को प्रबंधन नहीं करना पड़ता है, जिनती संख्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अध्योया के लिए प्रबंधन करना पड़ रहा है। इसी बात से यह स्पष्ट होता है, प्रभु श्रीराम के प्रति देश के जनमानस में कितनी आस्था है। जिसकी राह राम भक्त लगभग पांच शताब्दियों से देख रहे थे। आज के दौर में लोगों को अध्योया पहुंचाने में भारतीय रेलवे एक सेतु संचार की सबसे अहम भूमिका निभा रहा है, क्योंकि भारतीय रेलवे ही सबसे बड़ा माध्यम है। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या में लोगों को एक साथ अध्योया पहुंचाया जा रहा है। हवाई मार्ग हर जनमानस के लिए संभव नहीं है, न ही अपने निजी वाहन। ऐसे में भारतीय रेलवे पर सबसे ज्यादा दारोमदार है, जिसे सेतु संचार की संज्ञा दी जाए तो वह कम होगी। 

देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से अध्योया के लिए चलने वाली विशेष रेलगाड़ियों की रवानगी से पूर्व स्थानीय स्तर पर प्रिंट सहित सभी मीडिया प्लेट फॉर्म पर कवरेज भी मिल रही है, जो भारतीय रेलवे को सेतु संचार के तगमे से नवाजने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय सहित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारतीय रेलवे द्वारा लोगों को अध्योया में रामलला के दर्शन के लिए चलाई जाने वाली गाड़ियों की सूचना सहित अन्य जानकारियां प्रतिदिन साझा की जाती रही। वहीं, देशभर में रेलवे की इस पहल को लेकर आम जनमानस में चर्चा का दौर भी जारी है, आज उनके पड़ोस से राम मंदिर दर्शन के लिए लोग जा रहे हैं या दर्शन कर वापिस आए हैं। जिसके बाद रेलवे की इस सुविधा और कैसे आरक्षण करना है, कितने बजट में दर्शन हो रहे है, यह दौर देशभर में चला है।

Comments

Please Login to Submit Your Comment