भारत की नई पहचान बन गई है डिजिटलाइजेशन

भारत की प्रतिभा का लोहा अब संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसी संस्था के अध्यक्ष भी मानने लगे है। यूएनजीए के अध्यक्ष ने डिजिटलाइजेशन को लेकर भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि जब वह भारत आए थे, तो उन्होंने यहां डिजिटलाइजेशन को लेकर हो रहे काम को करीब से देखा, जिससे वह बहुत प्रभावित हुए हैं। भारत की तारीफ करते हुए संयुक्त राष्ट्र सभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा इससे भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही गरीबी को कम करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को भी इससे देखना चाहिए। मेरा मानना है कि इसे वैश्विक समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है। फ्रांसिस ने कहा कि जब भी मैं भारत के बारे में सोचना हूं तो मुझे अतुल्य भारत याद आता है। जब मैं वहां था तब मैंने इसे देखा था। मैं उल्लेख कर सकता हूं कि भारत में डिजिटलाइजेशन का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि फ्रांसिस इस वर्ष ही 22-26 जनवरी तक आधिकारिक यात्रा पर भारत में थे। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और जयपुर और मुंबई की यात्रा भी की थी। यात्रा के दौरान उन्होंने सरकारी अधिकारियों समेत लोगों से चर्चा की थी, जिसमें तकनीक और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसा मुद्दा केंद्र में था। जिसके बाद से ही संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष भारत के डिजिटलाइजेशन मॉडल के मुरीद हो गए। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन महत्वपूर्ण है, यह लागत को कम करता है और अर्थव्यवस्थाओं को ज्यादा कुशल बनाता है, चीजों को सस्ता बनाता है। उन्होंने डिजिटलाइजेशन का उदाहरण दिया जिससे भारतीय महिलाओं और किसानों को देशभर में और दूर-दराज के स्थानों में बातचीत करने, बैंकों से निपटने और अपने घरों, खेतों या क्षेत्रों को छोड़ने के बिना भुगतान करने में मदद मिली। डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि यह सब भारत की अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद कर रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत को स्पष्ट रूप से लाभ हुआ। फ्रांसिस ने यह भी बताया कि अपनी भारत यात्रा के दौरान वह देश की तकनीक और बुनियादी ढांचे के विकास में किए जा रहे निवेश से प्रभावित हुए।

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