तकनीकी संवाद से मतदाता का मूड भांप रही सर्वे एंजेसियां

देश में आम चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले ही सर्वे एजेंसियां मतदाताओं का मूड जानने के लिए पूरी तरह सक्रिय हो गई हैं। ग्राउंड जीरो पर जाकर सर्वे करने की पुरानी तकनीक को पीछे छोड़ अब नए तकनीकी माध्यमों से मतदाताओं से सीधे संवाद के जरिये सर्वे एजेसियां सर्वेक्षण कार्य कर रही हैं। वहीं, सर्वेक्षण एजेंसियां सोशल मीडिया सहित मोबाइल पर सीधे कॉल कर जनता का मूड भांप रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं के मोबाइल नंबरों पर सीधे कॉल आने से मतदाता भी सकते में हैं। उदाहरण के तौर पर हम देखें, तो हिमाचल में अभी अंतिम अर्थात सातवें चरण में मतदान होना है। इसके लिए अभी काफी समय होने के बावजूद अभी से मतदाताओं से सर्वे कर एजेंसियां राह ले रही है। 

इसी तर्ज पर पूरे दिन में मुख्य सीटों पर जहां चर्चित या कोई बॉलीवुड स्टार उम्मीदवार हैं, वहां सर्वे एंजेसियों का विशेष फोकस कर रही हैं। वहां के मतदाताआंें को दो-दो कॉल कर रही हैं। इसके अलावा ग्राउंड जीरो पर रिपोर्ट करने या सर्वे करने वाली एंजेसियों की रिपोर्ट को आने के लिए हालांकि समय लगेगा, लेकिन तकनीक के माध्यम से सर्वे करने वाली सर्वे एजंेसियां मतदान से पूर्व की कई बार रिपोर्ट सार्वजनिक कर देती हैं। वहीं, दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भी मतदान से पूर्व सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए अनेक प्रकार के नियम तय किए हैं, जिसका सभी सर्वे एंजेसियों को पालन करना अनिवार्य है, अन्यथा ऐसी एजेंसियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

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