देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है हायब्रिड वार

पिछले पचास सालों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति की है। भारत के प्रतिस्पर्धी देशों को भी अब लगने लगा है कि परम्परागत युद्ध में भारत को पराजित नहीं किया जा सकता। इसीलिए अब भारत को अस्थिर करने और उसके मनोबल को तोड़ने के लिए शत्रुदेश हायब्रिड वारफेयर का सहारा ले रहे है। इसलिए नए उभरते भारत के समक्ष हायब्रिड वार सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। हायब्रिड वारफेयर में सूचना और संचार क्षेत्र की केन्द्रीय भूमिका होती है। ये बातें  प्रसिद्ध सैन्य-विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कश्मीर अध्ययन केन्द्र की तरफ से आयोजित व्याख्यान में बोलते हुए कही। वह ’स्वतंत्रता के बाद की सुरक्षा चुनौतियां और भविष्य के परिदृश्य’ विषय पर बोल रहे थे।
सियाचीन ग्लेसियर को आधिपत्य में लेने के अभियान का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट कुलकर्णी ने कहा कि हायब्रिड वार में सायबर, सूचना और अर्थव्यवस्था को हथियार बनाकर दुश्मन पर हमला किया जाता है। हायब्रिड वारफेयर के कारण किसी भी देश में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है और व्यक्ति अपने ही देश की सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इस स्थिति में देश अराजकता का शिकार हो जाता है और उसकी प्रगति बाधित हो जाती है।
उन्होंने कहा कि हायब्रिड वारफेयर में केवल सैनिक ही लड़ाई लड़ता। प्रत्येक नागरिक इस युद्ध में भाग लेता है। आजादी के अमृत के दौरान भारत के प्र्रत्येक नागरिक को शपथ लेनी चाहिए कि वह अपनी भारतीय पहचान को सर्वोपरि रखे और पहचान के आपसी संघर्षाें से बचे। यदि प्रत्येक नागरिक ऐसा करता है तो आजादी का अमृत महोत्सव मनाना सफल होगा।
 

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