अखबारों ने मांगा मोदी सरकार से राहत पैकेज, 15,000 करोड़ रुपये के घाटे का किया दावा

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लागू हुआ लॉकडाउन प्रिंट मीडिया पर भारी पड़ रहा है। अखबार के वितरण में काफी समस्याओं के चलते सबस्क्रिप्शन घटा है और विज्ञापनों में 90 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है। इस बीच इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (INS) ने केंद्र सरकार से न्यूजपेपर इंडस्ट्री को बड़ा प्रोत्साहन पैकेज देने की अपील की है। आईएनएस ने प्रिंट मीडिया उद्योग को इस संकट के चलते 15,000 करोड़ रुपये तक के नुकसान की आशंका जताई है। संगठन ने कहा कि पिछले कई हफ्तों के दौरान व्यापक नुकसान और नकदी संकट के चलते संस्थानों को अपने एम्प्लॉयीज और वेंडर्स को वेतन देने तक में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रिंट मीडिया उद्योग से देश में 30 लाख लोग प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं। आईएनएस के मुताबिक, अखबार प्रत्यक्ष रूप से 9 से 10 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से 18-20 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं। देश में करीब 800 ऐसे प्रमुख अखबार हैं, जो लोगों को रोजगार दे रहे हैं। आईएनएस ने अखबारों को बचाने के लिए सरकार से न्यूजप्रिंट पर लगने वाली 5 फीसदी कस्टम ड्यूटी को हटाने की मांग की है।

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