सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित होने वाली फर्जी खबरों पर रोक लगाने के लिए पहली बार चुनाव आयोग ने मिथ वर्सेस रियलिटी प्लेटफार्म लॉन्च किया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के माध्यम से यह प्लेटफॉर्म आम लोगों के लिए भी उपलब्ध रहेगा। पोर्टल पर इससे संबंधित रजिस्टर को लगातार अपडेट किया जाएगा, जिसमें पड़ताल की गई झूठी जानकारियां और नए सवाल-जवाब भी होंगे। चुनाव आयोग का दावा है कि इससे लोकसभा चुनाव के दौरान फर्जी खबरों के प्रसारण को रोकने में मदद मिलेगी।
हाल ही में कुछ अहम रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कुछ फर्जी खबरों को जानबूझकर प्रसारित किया जा सकता है। एआई जैसी आधुनिक तकनीक से फेक कंटेट क्रिएट करने का यह खतरा और भी बढ़ गया है। ऐसे में आयोग का इस दौरान सबसे अधिक फोकस सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाले झूठ को चिन्हित करने पर है। आयोग का मानना है कि इससे चुनाव की साख प्रभावित होती है। साथ ही चुनावी प्रक्रिया पर लोगों के भरोसे को भी कमजोर कर रही है।
पोर्टल लॉन्च करने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए बताया कि चुनावों को विश्वसनीय ढंग से आयोजित करवाने की दिशा में धनबल, बाहुबल और आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन के साथ-साथ गलत सूचना को एक बड़ी चुनौती के रूप में चिन्हित किया गया है। विश्व स्तर पर कई लोकतंत्रों में गलत सूचना और झूठे विमर्शों के प्रसार के बढ़ती चिंता के बीच भारतीय चुनाव आयोग ने यह अभिनव और सक्रिय पहल की है।
2024-04-08
2024-04-08
- बाबूराव विष्णु पराड़कर
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