चुनाव आयोग ने राजनैतिक दलों के प्रचार के हर माध्यम पर कड़ी नजर बनाई है। अब प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में बल्क एसएमएस, वॉयस संदेश, सिनेमा हॉल, एलईडी, निजी एफएम रेडियो पर विज्ञापन चलाने से पहले प्रमाणीकरण करवाना होगा,जिसके लिए निवार्चन अधिकारी से अनुमति होगी। बिना प्रमाणीकरण चलाए जाने वाले विज्ञापन उम्मीदवार के खर्चे में जोड़े जाएंगे। चुनाव आयोग की ओर से इसके लिए बकायदा कार्ड रेट भी तय कर दिए हैं।
इस बारे चुनाव आयोग ने सभी निर्वाचन अधिकारियों को जिला व उपमंडल स्तर पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में आदर्श आचार संहिता के दौरान पेड न्यूज, फेक न्यूज, मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति की कार्यप्रणाली, सोशल मीडिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चुनावी विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन संबंध में भी जानकारी साझा की गई।
सोशल मीडिया व ई-पेपर को भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दायरे में रखा गया है। चुनावी विज्ञापन से संबंधित सामग्री के प्रसारण से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण कर लिया गया है। विभिन्न समाचार पत्रों में केवल मतदान के दिन, बल्कि एक दिन पहले भी राजनीतिक विज्ञापन जारी करने के लिए पूर्व आवश्यक है। चुनावों के दौरान कोई भी जानकारी प्रसारित करने से पूर्व उसकी सत्यता अवश्य जांच लें। इस प्रकार की पहल से प्रत्याशियों को भी एक तय सीमा में ही प्रचार माध्यमों का उपयोग करना होगा।
2024-04-08
2024-04-08
- बाबूराव विष्णु पराड़कर
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