लॉकडाउन के चलते कमाई घटने के नाम पर मीडिया संस्थानों में वेतन कटौती के बाद अब छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। देश के सबसे बड़े मीडिया समूह कहलाने वाले द टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप ने पहले तो कर्मचारियों की सैलरी में 10 से 20 फीसदी की कटौती का फैसला लिया था। अब आंतरिक सूत्रों का कहना है कि शीर्ष प्रबंधन ने लोगों को हटाने के लिए मैनेजर्स को टारगेट दिया है। www.pgurus.com वेबसाइट के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कंपनी को 1,000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। उसके बाद भी इस तरह का फैसला चिंताजनक है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में भी गुरुवार को मीडिया संस्थानों में अवैध सैलरी कट के खिलाफ याचिका दाखिल हुई थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार, नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल कई पत्रकार संगठनों की ओर से इस तरह के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप के साथ ही अब तक इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस स्टैंडर्ड, अमर उजाला, द हिंदू, न्यूज नेशन, आउटलुक मैगजीन, सकाल न्यूजपेपर ग्रुप, क्विंट मीडिया समूह समेत कई मीडिया संस्थानों में सैलरी कट का फैसला लिया गया है।
2024-04-08
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- बाबूराव विष्णु पराड़कर
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